इस पोस्ट में, मैंने एक अत्यंत चमत्कारी मुसलमानी यंत्र या नक्श के बारे में लिखा है जिसके तीन फायदे है। इस शक्तिशाली यंत्र को बनाने की विधि सरल होने के कारण कोई भी महिला या पुरुष इसे बनाकर इसका लाभ पा सकता है।
इस चमत्कारी मुसलमानी यंत्र / नक्श के तीन लाभ:
१] इस यंत्र / नक्श को लिख कर अपने गले या भुजा में धारण करने से साधक को बेशुमार धन, दौलत और संपत्ति का लाभ होता है और उसे कभी भी पैसों की कमी महसूस नहीं होती है। यंत्र को कपड़े या धातु के ताबीज में डाला जा सकता है।
२] सफर या यात्रा के दौरान अगर साधक इस यंत्र को पढ़ता है, तब उसे किसी भी प्रकार के खतरे या आपत्ति या चोर और डाकुओं का सामना नहीं करना पड़ता है और वह सही-सलामत पाने घर को वापिस लौटता है।
३] अगर साधक का पुत्र जिद्दी और हठीला है और उसकी बात नहीं मानता है, तब साधक को इस यंत्र को तीन बार पढ़ना है और अपने पुत्र का सिर से पैर तक तीन बार उतरा करना है। ऐसा करने से पुत्र साधक के काबु में आ जाता है और एक आज्ञाकारी पुत्र बन जाता है।
इस मुसलमानी यंत्र को बनाने की विधि: इस यंत्र को सफेद कागज पर हरे या काले स्याही के पेन से लिखना है। यंत्र बनाने के बाद उसके सामने धूप प्रज्वलित करके उसकी पूजा करनी है और ऊपर बताए हुए तरीकों से उसका उपयोग करना है।
इस चमत्कारी मुसलमानी यंत्र / नक्श के तीन लाभ:
१] इस यंत्र / नक्श को लिख कर अपने गले या भुजा में धारण करने से साधक को बेशुमार धन, दौलत और संपत्ति का लाभ होता है और उसे कभी भी पैसों की कमी महसूस नहीं होती है। यंत्र को कपड़े या धातु के ताबीज में डाला जा सकता है।
२] सफर या यात्रा के दौरान अगर साधक इस यंत्र को पढ़ता है, तब उसे किसी भी प्रकार के खतरे या आपत्ति या चोर और डाकुओं का सामना नहीं करना पड़ता है और वह सही-सलामत पाने घर को वापिस लौटता है।
३] अगर साधक का पुत्र जिद्दी और हठीला है और उसकी बात नहीं मानता है, तब साधक को इस यंत्र को तीन बार पढ़ना है और अपने पुत्र का सिर से पैर तक तीन बार उतरा करना है। ऐसा करने से पुत्र साधक के काबु में आ जाता है और एक आज्ञाकारी पुत्र बन जाता है।
इस मुसलमानी यंत्र को बनाने की विधि: इस यंत्र को सफेद कागज पर हरे या काले स्याही के पेन से लिखना है। यंत्र बनाने के बाद उसके सामने धूप प्रज्वलित करके उसकी पूजा करनी है और ऊपर बताए हुए तरीकों से उसका उपयोग करना है।
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