जीवन में मनुष्य को कई प्रकार की शक्ति की आवश्य्कता पड़ती हे जिसमे से एक हे बल शारीरिक शक्ति
इसका भी अपना एक महत्त्व हे। बल से तो आप सभी परिचित हैं ही इसलिए ज्यादा क्या बताना प्रयोग प्रस्तुत करते हैं। - इस आर्टिकल के लेखक -- आदित्य जी
एक बीज अक्षर विधान आपको बताया जा रहा हे जो की काफी सरल हे और अत्यंत शक्तिशाली होते हैं बीज मंत्र।
आपको किसी भी बुधवार से भगवन विष्णु की पूजा करके बल प्राप्ति की प्रार्थना करनी हे उसके बाद
ॐ नमो नारायणाय का 108 जाप करना हे फिर।
ॐ बलपतये नमः का 108 जाप करना हे
ये दोनों रोज़ करना हे, इसके बाद मुख्य मंत्र का जाप करना हे.
ह्रींग उं ह्रींग
Hreeng ung Hreeng
1] ये साधना आपको शुक्ल पक्ष के बुधवार से विष्णु संध्या में चालू करनी हे।
2] पीला आसन और वस्त्र रहेग।
3] उत्तर दिशा में मुख करना हे।
4] कुल मंत्र जाप मुख्य मंत्र के 1 लक्ष जाप करने हैं।
5] कितने दिन में करने हैं ये आपका निर्णय होना चाहिए अपने क्षमता का आंकलन करके।
जय श्री हरी
इसका भी अपना एक महत्त्व हे। बल से तो आप सभी परिचित हैं ही इसलिए ज्यादा क्या बताना प्रयोग प्रस्तुत करते हैं। - इस आर्टिकल के लेखक -- आदित्य जी
एक बीज अक्षर विधान आपको बताया जा रहा हे जो की काफी सरल हे और अत्यंत शक्तिशाली होते हैं बीज मंत्र।
आपको किसी भी बुधवार से भगवन विष्णु की पूजा करके बल प्राप्ति की प्रार्थना करनी हे उसके बाद
ॐ नमो नारायणाय का 108 जाप करना हे फिर।
ॐ बलपतये नमः का 108 जाप करना हे
ये दोनों रोज़ करना हे, इसके बाद मुख्य मंत्र का जाप करना हे.
ह्रींग उं ह्रींग
Hreeng ung Hreeng
1] ये साधना आपको शुक्ल पक्ष के बुधवार से विष्णु संध्या में चालू करनी हे।
2] पीला आसन और वस्त्र रहेग।
3] उत्तर दिशा में मुख करना हे।
4] कुल मंत्र जाप मुख्य मंत्र के 1 लक्ष जाप करने हैं।
5] कितने दिन में करने हैं ये आपका निर्णय होना चाहिए अपने क्षमता का आंकलन करके।
जय श्री हरी
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