इस आर्टिकल में शत्रु और गुप्त शत्रु को नष्ट करने के और उसके हमले से बचने के महाशक्तिशाली नृसिंह भगवान और इन्द्र देव के तुरंत असर देने वाले गायत्री मंत्रों की जानकारी दी गयी है।
इन गायत्री मंत्रों से भयंकर दिव्य शक्ति का संचार होता है और शत्रु, जादू-टोने समेत सर्व खतरों और बाधाओं का नाश होता है।
शत्रु नाशक उग्र नृसिंह गायत्री मंत्र:
इस नृसिंह गायत्री मंत्र के जाप के लाभ:
शत्रु को हराना या परास्त करना, किसी भी प्रकार के भय को दूर करना, भूत-प्रेत को भगा देना, कला जादू-टोने को नष्ट करना या किसी भी आपत्ति का बिना डरे सामना करना।
इस मंत्र को बोलने से साधक निडर, पराक्रमी, साहसी और ताकतवर बन जाता है और बिना डरे किसी का भी मुकाबला कर सकता है।
मंत्र
ॐ उग्र नृसिंहाय विद्महे वज्रनखाय धीमहि | तन्नो नृसिंह प्रचोदयात् ||
Mantra
Om Ugra Narasimhaya Vidmahe Vajranakhaya Dhimahi | Tanno Narasimha Prachodayat ||
इस नृसिंह गायत्री मंत्र का अर्थ: वज्र नखों वाले भगवान नृसिंह के उग्र रूप का मैं ध्यान कर रहा हूँ।
मंत्र विधि: इस उग्र नृसिंह गायत्री मंत्र को सवेरे स्नान करके 7, 11, 21 या 108 बार बोलें और रात को भय सता रहा है तो रात को भी बोल सकते हो।
इस आर्टिकल का हिंदी वीडियो यहां देखा जा सकता है – नरसिहं भगवान का गायत्री महाशक्तिशाली मंत्र
शत्रु के हर वार से बचने का इन्द्र देव गायत्री मंत्र:
इस इन्द्र देव गायत्री मंत्र के लाभ:
दुश्मन के हमले से आसानी से बचा जा सकता है और हर खतरे से अपनी रक्षा की जा सकती है।
विद्या, ज्ञान की प्राप्ति होकर दिमाग की क्षमता और स्मरण शक्ति बढ़ जाती है।
मंत्र विधि: इस इन्द्र देव गायत्री मंत्र को सवेरे स्नान करके 7, 11, 21 या 108 बार श्रद्धा और आत्मविश्वास से बोलना है और आपकी इच्छा हो तो मंत्र को रात को सोने के पहले भी बोल सकते हो।
मंत्र
ॐ सहस्त्र नेत्राय विद्महे वज्र हस्ताय धीमहि | तन्नो इन्द्र: प्रचोदयात् ||
Mantra
Om Sahasra Nethraye Vidhmahe Vajra Hasthaya Dheemahi || Tanno Indrah Prachodayat ||
अर्थ: हजार आँखों वाले इन्द्र देव का मैं ध्यान कर रहा हूं, जिनके हाथ में वज्र अस्त्र है और जो मुझे दिव्य बुद्धि प्रदान करके मेरा मन रोशन करेंगे।
इस आर्टिकल का हिंदी वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है – इन्द्र देव का शत्रु विनाशक गायत्री मंत्र
इन गायत्री मंत्रों से भयंकर दिव्य शक्ति का संचार होता है और शत्रु, जादू-टोने समेत सर्व खतरों और बाधाओं का नाश होता है।
शत्रु नाशक उग्र नृसिंह गायत्री मंत्र:
इस नृसिंह गायत्री मंत्र के जाप के लाभ:
शत्रु को हराना या परास्त करना, किसी भी प्रकार के भय को दूर करना, भूत-प्रेत को भगा देना, कला जादू-टोने को नष्ट करना या किसी भी आपत्ति का बिना डरे सामना करना।
इस मंत्र को बोलने से साधक निडर, पराक्रमी, साहसी और ताकतवर बन जाता है और बिना डरे किसी का भी मुकाबला कर सकता है।
मंत्र
ॐ उग्र नृसिंहाय विद्महे वज्रनखाय धीमहि | तन्नो नृसिंह प्रचोदयात् ||
Mantra
Om Ugra Narasimhaya Vidmahe Vajranakhaya Dhimahi | Tanno Narasimha Prachodayat ||
इस नृसिंह गायत्री मंत्र का अर्थ: वज्र नखों वाले भगवान नृसिंह के उग्र रूप का मैं ध्यान कर रहा हूँ।
मंत्र विधि: इस उग्र नृसिंह गायत्री मंत्र को सवेरे स्नान करके 7, 11, 21 या 108 बार बोलें और रात को भय सता रहा है तो रात को भी बोल सकते हो।
इस आर्टिकल का हिंदी वीडियो यहां देखा जा सकता है – नरसिहं भगवान का गायत्री महाशक्तिशाली मंत्र
शत्रु के हर वार से बचने का इन्द्र देव गायत्री मंत्र:
इस इन्द्र देव गायत्री मंत्र के लाभ:
दुश्मन के हमले से आसानी से बचा जा सकता है और हर खतरे से अपनी रक्षा की जा सकती है।
विद्या, ज्ञान की प्राप्ति होकर दिमाग की क्षमता और स्मरण शक्ति बढ़ जाती है।
मंत्र विधि: इस इन्द्र देव गायत्री मंत्र को सवेरे स्नान करके 7, 11, 21 या 108 बार श्रद्धा और आत्मविश्वास से बोलना है और आपकी इच्छा हो तो मंत्र को रात को सोने के पहले भी बोल सकते हो।
मंत्र
ॐ सहस्त्र नेत्राय विद्महे वज्र हस्ताय धीमहि | तन्नो इन्द्र: प्रचोदयात् ||
Mantra
Om Sahasra Nethraye Vidhmahe Vajra Hasthaya Dheemahi || Tanno Indrah Prachodayat ||
अर्थ: हजार आँखों वाले इन्द्र देव का मैं ध्यान कर रहा हूं, जिनके हाथ में वज्र अस्त्र है और जो मुझे दिव्य बुद्धि प्रदान करके मेरा मन रोशन करेंगे।
इस आर्टिकल का हिंदी वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है – इन्द्र देव का शत्रु विनाशक गायत्री मंत्र
Comments
Post a Comment