ह्रीं बीज मंत्र का शक्तिशाली आत्मरक्षा मंत्र उपाय


इस पोस्ट में, मैंने एक सरल और आसान लेकिन बहुत सटीक प्राचीन आत्म रक्षा यंत्र उपाय के बारे में लिखा है। यह एक सिद्ध रक्षा यंत्र है जिसमें "ह्रीं" - "Hreem" इस रहस्यमयी और महाशक्तिशाली भुवनेश्वरी देवी के बीज मंत्र का उपयोग किया गया है।

इस चमत्कारी आत्मरक्षा यंत्र का उपयोग करने से साधक की दुष्ट लोगों और हिंसक जानवरों से रक्षा होती है। प्राचीन समय में जंगल, नदी-समुंदर और पहाड़ों और एकांत जगहों पर यात्रा करते समय इस यंत्र का इस्तेमाल किया जाता था।

इस अद्भुत अदृश्य यंत्र से साधक के मन में से सर्व प्रकार का भय और तनाव तुरंत हट जाता है और वह निडर होकर आत्मविश्वास के साथ सफर कर सकता है। इस सुरक्षा यंत्र का वर्णन प्राचीन ग्रंथों में मिलता है और इसे एक विश्वसनीय आत्म रक्षा उपाय माना जा सकता है।

इस आत्म रक्षा यंत्र को बनाने की विधि इस प्रकार से है:
१] अपने बाएं हाथ की हथेली पर अपने थूक से एक चौकोर बनाना है और उस चौकोर के अंदर "ह्रीं " इस बीज मंत्र को लिखना है।
 
अचूक रक्षा यंत्र उपाय

२] इसके बाद, अपने अनामिका अंगुली में एक पिन से थोड़ा रक्त निकालकर एक-एक रक्त का बूंद चारों दिशा-पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में छिड़कना है।

३] इस सरल और आसान विधि का प्रयोग करने से साधक की दुष्ट लोगों, चोर-डाकुओं और हिंसक और विषारी प्राणियों से रक्षा होती है। इस यंत्र प्रयोग को करने की लिए किसी भी मुहूर्त और पूजा-विधि की जरूरत नहीं है और इसका प्रायोग कभी भी किया जा सकता है।

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