इस पोस्ट में, मैंने अपने दुश्मन या किसी भी दुष्ट व्यक्ति को जड़ से खत्म करने के एक महाशक्तिशाली शत्रु मारण यंत्र प्रयोग के बारे में लिखा है जिसका वर्णन प्राचीन काक तंत्र और अन्य दूसरे प्राचीन तंत्रों में मिलता है। एक बात का जरूर ध्यान रहें की इस यंत्र का प्रयोग जब दूसरा विकल्प बचा नहीं है तब ही करना है, यानी की जब उस शत्रु से आपके या आपके प्रियजनों के जान को खतरा है।
शत्रु के खतरे और परेशानी का निवारण करने के लिए उच्चाटन,विद्वेषण, स्तंभन और मारण प्रयोगों का उपयोग किया जाता है, इन सब उपायों में मारण प्रयोग सबसे अघोरी और खतरनाक होते है, इसलिए इनका प्रयोग बिना वजह से कभी भी नहीं करना चाहिए।
इस शत्रु मारण यंत्र का प्रयोग करने की विधि इस प्रकार से है: १] शनिवार के दिन पर साधक को चित्र में बताए शत्रु मारण यंत्र को हरताल / arsenic trioxide और जहर के मिश्रण से एक चौकोर भोजपत्र या सफेद रंग के कागज के टुकड़े पर कौए के पंख के नुकीले बाजू से लिखना है। यंत्र में अमुक इस शब्द के जगह पर उस लक्षित दुश्मन का नाम लिखना है।
२] फिर साधक को रात के समय शमशान भूमि में जाना है और चुप-चाप अत्यंत गुप्तता के साथ इस शत्रु मारण यंत्र को गाड़ देना है और बिना पीछे मूड कर देखे वापिस अपने घर जाना है । इस विधि से कुछ ही दिनों में शत्रु का नाश हो जाता है।
३] इस शत्रु नाशक यंत्र उपाय के साथ किसी भी प्रकार की पूजा विषी जुड़ी हुई नहीं है। और अगर इस मारण प्रयोग को प्रबल आत्मविश्वास और अटूट इच्छा शक्ति और तीव्रता के साथ किया जाएगा को यह शीघ्र असर दिखाता है।
नोट: इस शत्रु विनाशक यंत्र उपाय के बारे में सिर्फ भारतीय तांत्रिकी प्रयोगों की जानकारी देने के हेतु से लिखा है। कृपया इसका प्रयोग बिना वजह से मत करना।
शत्रु के खतरे और परेशानी का निवारण करने के लिए उच्चाटन,विद्वेषण, स्तंभन और मारण प्रयोगों का उपयोग किया जाता है, इन सब उपायों में मारण प्रयोग सबसे अघोरी और खतरनाक होते है, इसलिए इनका प्रयोग बिना वजह से कभी भी नहीं करना चाहिए।
इस शत्रु मारण यंत्र का प्रयोग करने की विधि इस प्रकार से है: १] शनिवार के दिन पर साधक को चित्र में बताए शत्रु मारण यंत्र को हरताल / arsenic trioxide और जहर के मिश्रण से एक चौकोर भोजपत्र या सफेद रंग के कागज के टुकड़े पर कौए के पंख के नुकीले बाजू से लिखना है। यंत्र में अमुक इस शब्द के जगह पर उस लक्षित दुश्मन का नाम लिखना है।
२] फिर साधक को रात के समय शमशान भूमि में जाना है और चुप-चाप अत्यंत गुप्तता के साथ इस शत्रु मारण यंत्र को गाड़ देना है और बिना पीछे मूड कर देखे वापिस अपने घर जाना है । इस विधि से कुछ ही दिनों में शत्रु का नाश हो जाता है।
३] इस शत्रु नाशक यंत्र उपाय के साथ किसी भी प्रकार की पूजा विषी जुड़ी हुई नहीं है। और अगर इस मारण प्रयोग को प्रबल आत्मविश्वास और अटूट इच्छा शक्ति और तीव्रता के साथ किया जाएगा को यह शीघ्र असर दिखाता है।
नोट: इस शत्रु विनाशक यंत्र उपाय के बारे में सिर्फ भारतीय तांत्रिकी प्रयोगों की जानकारी देने के हेतु से लिखा है। कृपया इसका प्रयोग बिना वजह से मत करना।
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