कुंडली में नीच, कमजोर या दुर्बल गुरु / बृहस्पति / Jupiter ग्रह के दोषों का निवारण करने के सरल लेकिन सटीक तुरंत काम करने वाले उपायों के बारे में इस आर्टिकल में जानकारी दी गयी है।
ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति का महत्व:
बृहस्पति यह सबसे बड़ा ग्रह है वह विकास और विस्तार से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा उच्च ज्ञान और विद्या, बड़े बिजनेस, पॉलिटिकल पावर, विदेश यात्रा, सुख-समृद्धि, धन-दौलत, भाग्य, चमत्कार, भौतिक सुख और मौज भी बृहस्पति से जुड़े हुए है।
कमजोर गुरु के कुछ प्रमुख लक्षण:
1] कुंडली में बृहस्पति कम शक्तिशाली होने से धन-दौलत या नौकरी धंदे में तरक्की पाने में बाधा और रुकावट आती है।
2] ज्ञान और उच्च विद्या पाने में कष्ट और परेशानी होती है।
3] पेट या पेट में स्थित अंगों संबंधित रोग और विकारों से पीड़ा होती है।
4] धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में मनचाही सफलता नहीं मिलती।
गुरु दोष निवारण उपाय और टोटके:
1] स्नान करने के बाद अपने माथे पर केसर, चंदन या हल्दी का तिलक लगाईये।
2] अपने हाथ में जल लेकर उसे पीपल के पीड़ के जड़ को अर्पित करें।
3] घर या आंगन में पीले रंग के फूल लगाईये।
4] गुरुवार के दिन सात्विक भोजन करें और बुरे कर्मों से बचिए। हो सके तो व्रत रखें।
बृहस्पति ग्रह का बीज मंत्र:
मंत्र
ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: ||
Mantra
Om Gram Greem Groum Sah Gurve Namah ||
इस मंत्र का जाप बृहस्पतिवार से शुरू करें और हर रोज 1 माला या उससे अधिक मंत्र जाप करें।
इस आर्टिकल का हिन्दी विडिओ हमारे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है – कुंडली में नीच गुरु ग्रह के दोषों के निवारण के सरल उपाय
ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति का महत्व:
बृहस्पति यह सबसे बड़ा ग्रह है वह विकास और विस्तार से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा उच्च ज्ञान और विद्या, बड़े बिजनेस, पॉलिटिकल पावर, विदेश यात्रा, सुख-समृद्धि, धन-दौलत, भाग्य, चमत्कार, भौतिक सुख और मौज भी बृहस्पति से जुड़े हुए है।
कमजोर गुरु के कुछ प्रमुख लक्षण:
1] कुंडली में बृहस्पति कम शक्तिशाली होने से धन-दौलत या नौकरी धंदे में तरक्की पाने में बाधा और रुकावट आती है।
2] ज्ञान और उच्च विद्या पाने में कष्ट और परेशानी होती है।
3] पेट या पेट में स्थित अंगों संबंधित रोग और विकारों से पीड़ा होती है।
4] धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में मनचाही सफलता नहीं मिलती।
गुरु दोष निवारण उपाय और टोटके:
1] स्नान करने के बाद अपने माथे पर केसर, चंदन या हल्दी का तिलक लगाईये।
2] अपने हाथ में जल लेकर उसे पीपल के पीड़ के जड़ को अर्पित करें।
3] घर या आंगन में पीले रंग के फूल लगाईये।
4] गुरुवार के दिन सात्विक भोजन करें और बुरे कर्मों से बचिए। हो सके तो व्रत रखें।
बृहस्पति ग्रह का बीज मंत्र:
मंत्र
ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: ||
Mantra
Om Gram Greem Groum Sah Gurve Namah ||
इस मंत्र का जाप बृहस्पतिवार से शुरू करें और हर रोज 1 माला या उससे अधिक मंत्र जाप करें।
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