इस पोस्ट में, मैंने अशुभ राहु और केतु को शुभ बनाने के चमत्कारी यंत्र उपाय के बारे में लिखा है। यह यंत्र उन लोगों के लिए बहुत लाभदायक है, जिनके कुंडलि में राहु या केतु अशुभ है या वो राहु या केतु के अशुभ अंतरदशा या महादशा से गुजर रहे है।
अशुभ राहु और केतु के परिणाम: अशुभ राहु और केतु के कारण साधक को हर तरह के नकारात्मक ऊर्जा से कष्ट होता है। मानसिक और शारीरिक बीमारी से तकलीफ होती है, चोरी, घाटे, परिवार में किसी ना किसी की मौत, कानूनी परेशानी से पीड़ा होती है।
अशुभ राहु और केतु के कारण त्वचा रोग, कुष्ठरोग, पेट की बीमारी सांस लेने में तकलीफ, मानसिक भ्रम जैसी बीमारियों से परेशानी होती है।
शुभ राहु और केतु के लाभ: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु शुभ होने से साधक को हर काम और कार्य में सफलता मिलती है, दुश्मनों का नाश होता है, व्यवसाय और नौकरी में तरक्की होती है, बाधाओं का नाश होता है और आध्यात्मिक और धार्मिक क्षेत्र में प्रगति होती है।
अशुभ राहु और केतु को शुभ बनाने के चमत्कारी यंत्र को बनाने की विधि: १] इस चमत्कारी यंत्र को शुक्ल पक्ष के बुधवार या रविवार के दिन पर स्नान करने के बाद शनि या बुध के होरे में बनाना है। यह काल आपको पंचांग देखकर मालूम होगा।
२] चित्र में दिखाए हुए ३४ के यंत्र को भोजपत्र या तांबे के पत्रे पर बनाना है। यंत्र बनाने के बाद उसकी विधिपूर्वक पूजा करनी है और राहु और केतु और यंत्र के देवता को प्रार्थना करके यंत्र को अपने पास रखना है।
३] यह ३४ का संख्यात्मक यंत्र है, जिसकी कुल संख्या १३६ है और हर रो की संख्या ३४ है। यंत्र के अंकों को किसी भी क्रम में किसी भी भाषा में लिखा जा सकता है।
अशुभ राहु और केतु के परिणाम: अशुभ राहु और केतु के कारण साधक को हर तरह के नकारात्मक ऊर्जा से कष्ट होता है। मानसिक और शारीरिक बीमारी से तकलीफ होती है, चोरी, घाटे, परिवार में किसी ना किसी की मौत, कानूनी परेशानी से पीड़ा होती है।
अशुभ राहु और केतु के कारण त्वचा रोग, कुष्ठरोग, पेट की बीमारी सांस लेने में तकलीफ, मानसिक भ्रम जैसी बीमारियों से परेशानी होती है।
शुभ राहु और केतु के लाभ: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु शुभ होने से साधक को हर काम और कार्य में सफलता मिलती है, दुश्मनों का नाश होता है, व्यवसाय और नौकरी में तरक्की होती है, बाधाओं का नाश होता है और आध्यात्मिक और धार्मिक क्षेत्र में प्रगति होती है।
अशुभ राहु और केतु को शुभ बनाने के चमत्कारी यंत्र को बनाने की विधि: १] इस चमत्कारी यंत्र को शुक्ल पक्ष के बुधवार या रविवार के दिन पर स्नान करने के बाद शनि या बुध के होरे में बनाना है। यह काल आपको पंचांग देखकर मालूम होगा।
२] चित्र में दिखाए हुए ३४ के यंत्र को भोजपत्र या तांबे के पत्रे पर बनाना है। यंत्र बनाने के बाद उसकी विधिपूर्वक पूजा करनी है और राहु और केतु और यंत्र के देवता को प्रार्थना करके यंत्र को अपने पास रखना है।
३] यह ३४ का संख्यात्मक यंत्र है, जिसकी कुल संख्या १३६ है और हर रो की संख्या ३४ है। यंत्र के अंकों को किसी भी क्रम में किसी भी भाषा में लिखा जा सकता है।
नोट: इस चमत्कारी यंत्र के बारे और एक आर्टिकल यहाँ पर देखा जा सकता है: राहु और केतु से लाभ पाने का शक्तिशाली यंत्र उपाय।
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