कलियुग में तुरंत काम करने वाले शक्तिशाली भैरव और नरसिंह मंत्र


इस पोस्ट में मैंने इस कलियुग के बहुत कठिन काल में संकटों, खतरों और परेशानियों से मुक्ति पाने के और अपनी इच्छा और मनोकामना पूरी करके अपना जीवन सुखी और सफल बनाने के महाकाल भैरव भगवान और नरसिंह भगवान के चार सरल और आसान लेकिन अत्यंत शक्तिशाली तुरंत काम करने वाले मंत्रों की जानकारी दी है।

यह सब जल्द फल देने वाले भैरव भगवान और नरसिंह भगवान के आजमाए हुए शक्तिशाली मूल मंत्र है जिन्हे अगर साधक तीव्रता से बोलेगा तो वह प्रचंड ऊर्जा उत्पन्न कर सकते है और साधक की हर इच्छा पूरी कर के उसका कल्याण कर सकते है।

इन मंत्रों को बोलने के विशेष लाभ और फायदे:

१] इन मंत्रों से शक्तिशाली से शक्तिशाली और खतरनाक से खतरनाक नकारात्मक और दुष्ट शक्तियों का नाश किया जा सकता है, जैसे की, भूत-प्रेत-राक्षस, बुरी नजर या शाप-बददुआ।

२] इन मंत्रों को बोलने से काला-जादू टोना, जारण-मारण उच्चाटन-विद्वेषण, खतरनाक वशीकरण और अन्य तांत्रिकी प्रयोगों को पलटाया जा सकता है या नष्ट किया जा सकता है।

३] इन महाकाल भैरव या नरसिंह देव के मंत्रों के जाप से बलवान और प्राभवशाली दुश्मनों और अनजाने गुप्त शत्रुओं को नष्ट किया जा सकता है।

४] इन चमत्कारी मंत्रों को बोलने से रोगों, बीमारियों का निवारण होता है और किसी भी प्रकार की दुर्घटना से रक्षा मिलती है।

५] हर बाधा और रुकावट हट जाती है और मनोकामना पूरी होती है या काम-धंधे में पीड़ा दूर होकर सफलता मिलती है, धन-दौलत का भयंकर आकर्षण होता है और अभीष्ट वस्तुओं की प्राप्ति होती है, जिनके पास मकान नहीं है उन्हे नया मकान मिलता है या जिनके पास पैसा नहीं है उन्हे पैसा मिलता है। 

शक्तिशाली भैरव और नरसिंह मंत्र

भैरव भगवान के मंत्र:

ॐ कालभैरवाय नमः ||
Oṁ kālabhairavāya Namaḥ ||

ॐ नमो भैरवाय स्वाहा ||
Om Namo Bhairavaya Swaha ||

नरसिंह भगवान के मंत्र:

ॐ नृम नृम नृम नरसिंहाय नमः ||
Om Nrum Nrum Nrum Narasimhaya Namaha ||

Om Shri Narasimhaya Namah ||
ॐ श्री नरसिंहाय नमः ||

इन भैरव भगवान और नरसिंह भगवान के मंत्रों को बोलने की विधि:

१] साधक इन चारों मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र को चुनकर, मंत्र के देवता यानी की भैरव भगवान या नरसिंह भगवान का स्मरण करके उस चुने हुए मंत्र का वाचिक या मानसिक जाप कर सकता है।

२] साधक चुने हुए मंत्र को जितना चाहे उतना या हर दिन एक निर्धारित काल या संख्या के लिए बोल सकता है।

३] मंत्र जाप किसी भी दिन शुरू किया जा सकता है और दिशा, आसन, माला और विशिष्ट प्रकार की पूजा करने के किसी भी प्रकार के नियम नहीं है सिर्फ भक्ति और श्रद्धा से मंत्र का जाप करना है।

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